प्रेमचन्द साहित्य संस्थान
आलेख

प्रेमचंद की नज़र में राष्ट्र

एडमिन
गोपेश्वर सिंह ( राष्ट्र , राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद को लेकर इधर अक्सर बहस होती है। हमारे महान लेखक प्रेमचंद के इस विषय में क्या विचार...
आलेख

प्रेमचंद को कैसे पढ़ें ?

सदानंद शाही
सुनने में यह थोड़ा विचित्र लग सकता है लेकिन है जरूरी सवाल । जरूरी इसलिए कि प्रेमचंद को पढ़ने की इतनी दृष्टियाँ हैं ,इतने विचार...
गतिविधि

भारतीय किसान की मृत्यु का शोकगीत है ‘ गोदान ’ -प्रो गोपाल प्रधान

एडमिन
प्रेमचन्द जयंती पर ‘ प्रेमचन्द और किसान ’ पर व्याख्यान गोरखपुर, 31 जुलाई, 2017। प्रेमचन्द हिन्दी साहित्य के इतिहास में सबसे बड़े रचनाकार हैं। विषय...
आलेख

प्रेमचन्द ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद गोरखपुर में दो महीने करघा संघ चलाया था

Manoj kumar Singh
प्रेमचन्द का गोरखपुर से गहरा सम्बन्ध है। उनके बचपन के चार वर्ष यहीं बीते तो जवानी के साढे चार वर्ष भी। वह गोरखपुर में पढे...
आलेख

‘ कफ़न ’ कहानी : एक पाठ

सदानंद शाही
उद्देश्यः प्रस्तुत इकाई में आप प्रेमचन्द की कफन कहानी का अध्ययन करेंगे। कफन प्रेमचन्द की ही नहीं हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में एक है। कफन...
कहानी पाठ

‘ विमर्श रहित कोई कहानी नहीं होती, विमर्श संवेदनशील नागरिक का हमसफर है ’

एडमिन
प्रेमचंद पार्क में कथाकार रवि राय के कहानी संग्रह ‘ चौथी कसम ‘ का लोकार्पण गोरखपुर। ‘ विमर्श रहित कोई कहानी नहीं होती है। विमर्शों...
गतिविधि

सुभाष राय को दिया गया पहला देवेन्द्र कुमार स्मृति कविता सम्मान

एडमिन
अभिव्यक्ति के नए अंदाज खोजने वाले कवि हैं सुभाष राय: प्रो कृष्ण चंद्र लाल गोरखपुर। प्रेमचंद साहित्य संस्थान और संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका ‘ साखी...
आलेख

प्रेमचंद की एक तस्वीर के अर्थात

एडमिन
  प्रमोद कुमार प्रेमचंद की एक बहुप्रचलित तस्वीर ही अलग-अलग स्केचिंग के साथ छपती व दिखती है. मैंने उसके अतिरिक्त उनकी तीन-चार तस्वीरें ही देखी...
संगोष्ठी

प्रेमचंद हमारे इतिहास के नायक थे और हमारे अपने वक्त के भी नायक हैं : प्रो अनिल राय

एडमिन
प्रेमचंद जयंती पर प्रेमचंद पार्क में प्रेमचंद और आज का समय पर व्याख्यान, नाटक व दास्तानगोई का आयोजन गोरखपुर, 31 जुलाई 2018। प्रेमचंद अपने समय...