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सेवासदन के सौ वर्ष : स्त्री मुक्ति का भारतीय पाठ
सदानन्द शाही आज से सौ वर्ष पहले प्रेमचंद ने एक उपन्यास लिखा- सेवासदन। सेवासदन की याद आज केवल इसलिए नहीं आ रही है कि...
प्रेमचंद को कैसे पढ़ें ?
सुनने में यह थोड़ा विचित्र लग सकता है लेकिन है जरूरी सवाल । जरूरी इसलिए कि प्रेमचंद को पढ़ने की इतनी दृष्टियाँ हैं ,इतने विचार...
प्रेमचन्द ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद गोरखपुर में दो महीने करघा संघ चलाया था
प्रेमचन्द का गोरखपुर से गहरा सम्बन्ध है। उनके बचपन के चार वर्ष यहीं बीते तो जवानी के साढे चार वर्ष भी। वह गोरखपुर में पढे...
‘ कफ़न ’ कहानी : एक पाठ
उद्देश्यः प्रस्तुत इकाई में आप प्रेमचन्द की कफन कहानी का अध्ययन करेंगे। कफन प्रेमचन्द की ही नहीं हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में एक है। कफन...