Author : एडमिन
प्रेमचंद की नज़र में राष्ट्र
गोपेश्वर सिंह ( राष्ट्र , राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद को लेकर इधर अक्सर बहस होती है। हमारे महान लेखक प्रेमचंद के इस विषय में क्या विचार...
भारतीय किसान की मृत्यु का शोकगीत है ‘ गोदान ’ -प्रो गोपाल प्रधान
प्रेमचन्द जयंती पर ‘ प्रेमचन्द और किसान ’ पर व्याख्यान गोरखपुर, 31 जुलाई, 2017। प्रेमचन्द हिन्दी साहित्य के इतिहास में सबसे बड़े रचनाकार हैं। विषय...
‘ विमर्श रहित कोई कहानी नहीं होती, विमर्श संवेदनशील नागरिक का हमसफर है ’
प्रेमचंद पार्क में कथाकार रवि राय के कहानी संग्रह ‘ चौथी कसम ‘ का लोकार्पण गोरखपुर। ‘ विमर्श रहित कोई कहानी नहीं होती है। विमर्शों...
सुभाष राय को दिया गया पहला देवेन्द्र कुमार स्मृति कविता सम्मान
अभिव्यक्ति के नए अंदाज खोजने वाले कवि हैं सुभाष राय: प्रो कृष्ण चंद्र लाल गोरखपुर। प्रेमचंद साहित्य संस्थान और संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका ‘ साखी...
प्रेमचंद की एक तस्वीर के अर्थात
प्रमोद कुमार प्रेमचंद की एक बहुप्रचलित तस्वीर ही अलग-अलग स्केचिंग के साथ छपती व दिखती है. मैंने उसके अतिरिक्त उनकी तीन-चार तस्वीरें ही देखी...
प्रेमचंद हमारे इतिहास के नायक थे और हमारे अपने वक्त के भी नायक हैं : प्रो अनिल राय
प्रेमचंद जयंती पर प्रेमचंद पार्क में प्रेमचंद और आज का समय पर व्याख्यान, नाटक व दास्तानगोई का आयोजन गोरखपुर, 31 जुलाई 2018। प्रेमचंद अपने समय...